Wednesday 15 February 2017

ब्रह्मांड की उत्पत्त्ि

इस किताब मे ब्रहमाण्ड की उतपति कैसे हुयी है उसके बारे मे बताया गया है । इस पुस्तक को एक बार जरूर पढे , ... आपको ऐसी एसी जानकारी मिलेगी जो शायद ही आप जानते हों । नीचे दिये हुये लिंक पे जाकर आप डौन्लोड कर सकते हैं।



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Thursday 2 February 2017

विशालकाय

एक तारा कितना विशाल हो सकता है ? खुले तारासमुह पिसमीस 24 मे एक तारे के बारे मे अनुमान है कि वह सूर्य से 200  गुना बडा हो सकता है जो कि एक रिकार्ड है। यह अनुमान उसकी पृथ्वी से दूरी, चमक और मानक सौर माडलो पर आधारीत है।



इस पुस्तक मे आकाशगंगा के बारे मे बताया गया है ।  अभी तक हम सिर्फ इतना ही जानते थे की आकाशगंगा एक है। पर क्या आप जानते है की हमारे बरहमंद मे आकाशगंगाओ का समूह है कितना विशाल है हमारा ब्रहमाण्ड । इस पुस्तक मे सचित्र वर्णन है। 



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Tuesday 31 January 2017

ब्रह्मांडीय निहारिका मे सितारों का जन्म



ब्रह्मांडीय निहारिका मे सितारों का जन्म। 

यह एक बहुत ही उम्दा किस्म की किताब है । इस किताब मे वो सारी बातें सचित्र वर्णन है । हमारे ब्रहमाण्ड  मे कैसे सितारों का जन्म होता है। कैसे दो सितारो का मिलन होता है। सितारो की मृत्यु कैसे होती है, हमारे ब्रहमाण्ड मे भी समुद्री बीच हैं । और भी बहुत सी रोचक जानकारी इस पुस्तक मे रंगीन सचित्र के साथ वर्णन है। ये किताब बिलकुल मुफ्त मे नीचे दिये हुये लिंक से Pdf  फॉर्मेट मे डौन्लोड कर सकते हैं। 






हमारे सौरमंडल के कुच्छ रोचक जंकरियाँ ।




इस किताब मे हमारे सौरमंडल के बारे मे बताया गया है साथ ही हर एक ग्राह के अच्छे तस्वीर के साथ ।  अब तक क्या - क्या खोज हो चुका है । जैसे की  हमारे सबसे नज़दीक का तारा कौन सा है। शनि पे अबतक क्या क्या मिला है । एक ग्रह ऐसा जिसका कोई उपग्रह नहीं है जिसके कारण वह हमेसा लुड़कते रहता है । चाँद पे इतने दाग क्यूँ हैं । मंगल पृथ्वी से बहुत छोटा है लेकिन उसकी सतह का क्षेत्रफल पृथ्वी की सतह के क्षेत्रफल के बराबर ही है। क्योंकि मंगल पर सागर नही है ! मंगल पर पर्वत भी है जिसमे से ओलम्पस मान्स पर्वत यह सौरमण्डल मे सबसे उंचा पर्वत है| इसकी उंचाई लगभग 78,000 फीट (माउंट एवरेस्ट से तीन गुना उंचा)! मंगल का वातावरण काफी पतला है जिसमे 95.3 % कार्बन डाय आक्साईड, 2.7 % नायट्रोजन, 1.6% ओर्गन. 0.15 % आक्सीजन और 0.03 %प्रतिशत जल भाप है। वायु का दबाव सिर्फ 7मीलीबार है(पृथ्वी के वायुदाब का सिर्फ 1%)। लेकिन वायु दबाव इतना है कि तेज़ हवाये, धूल के अंधड़ चल सकते है।शुक्र के पास पहुंचने वाला सबसे पहला अंतरिक्षयान मैरीनर २ था जो शुक्र के करीब १९६२ मे पहुंचा था। उसके बाद पायोनियर , वेनेरा ७ और वेनेरा ९ भी शुक्र तक पहुंचे थे। इस ग्रह तक पहुंचने वाले यानो मे मैगलेन और विनस एक्सप्रेस भी है।और भी रोचक जानकारी के लिए आप इस बूक को बिलकुल फ्री मे डौन्लोड कर सकते हैं । नीचे दिये हुए लिंक से।